शनिवार, 11 अप्रैल 2015

एक मुस्कान

एक मुस्कान ।
जो तुमसे मिली एक शाम
अब भी मुझे पुलकित किये है ।
कुछ ऐसा संग है तेरी खुसबू का
जो आज भी सुगन्धित किये है
कुछ ऐसा अहसास है तेरा
लफ्जो में बया होना मुश्किल है ।
तुमसे मिला तो जाना
मुझमे भी एक खूबसूरत दिल है
और नही कुछ कहना तुमसे ।
कभी मिलो तो बस मुस्कुरा देना ।
बस ये मुस्कान ही मुझे भर देने में काबिल है ।

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