मृत्यु तू मुझे और डरा जरा
बिन तेरे मैं जीता हूँ मरा मरा
तू सामने रहे आँखों के
तो होगी जीने में कुछ बात
अभी तो जीना है बस ऐसा
जैसे समय रहे हो काट ।
जानता हू तू आती है आँखों में
सबकी
लेकिन समय बीत तब जाता है
समय रहते तू जगा दे ,
तभी कोई बुद्ध हो पाता है ।
बिन तेरे मैं जीता हूँ मरा मरा
तू सामने रहे आँखों के
तो होगी जीने में कुछ बात
अभी तो जीना है बस ऐसा
जैसे समय रहे हो काट ।
जानता हू तू आती है आँखों में
सबकी
लेकिन समय बीत तब जाता है
समय रहते तू जगा दे ,
तभी कोई बुद्ध हो पाता है ।
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